तब मौन रही यह कविता।
सीता पर लगे लाक्षण,
तब मौन रहे मर्यादा पुरुषोत्तम।
तब मौन रही यह कविता ।
द्रोपदी का हुआ चिरहरण,
तब मौन रहे भीष्म द्रोण कर्ण।
तब मौन रही यह कविता ।
जब हुआ शांति दूत का अपमान
तब मौन रही यह सभा भारत महान।
तब मौन रही यह कविता
जब हुआ जलिया का भीषण नरसंहार,
तब मौन रहे अपने पालनहार।
तब भी मौन रही यह कविता।
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