नौकरी आई देखों बन ठन के
आते ही मच गया हल्ला चारों ओर
देखों आई नौकरी हमारे मोहल्ला,
नौकरी की चाल ऐसे
जैसे चले कोई नागिन जैसे
सुन्दरता का है रूप निखार
देख के शरमा जाए आईना यार....
हर कोई चाहें उसको पाना,
हाथ ना आये किसी के जाना,
पाने को किया गया लाख जतन
बीच में आ एक पत्थर
बँट गये हम इधर - उधर
हो गई चाहनेवाले की भीड़ कम
पड़ी वह जिस ओर
बन कर रह गई उस ओर।
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