बुधवार, 1 नवंबर 2023

नौकरी

 नौकरी आई देखों बन ठन के

आते ही मच गया हल्ला चारों ओर 

देखों आई नौकरी हमारे मोहल्ला, 

नौकरी की चाल ऐसे

जैसे चले कोई नागिन जैसे

सुन्दरता का है रूप निखार

देख के शरमा जाए आईना यार.... 

हर कोई चाहें उसको पाना, 

हाथ ना आये किसी के जाना, 

पाने को किया गया लाख जतन

बीच में आ एक पत्थर

बँट गये हम इधर - उधर

हो गई चाहनेवाले की भीड़ कम 

पड़ी वह जिस ओर

बन कर रह गई उस ओर। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

उस दिन मैं

 उस दिन मैं.......  तालाब के किनारे खड़ा,  तालाब में हो रही लहर की हल्की धारा...  वह धारा नहीं मेरे भीतर से उठते प्रश्न क्या कर रहा हूं मैं ...