बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

विचारधारा


आज ना अम्बेडकर, ना गांधी

फिर क्यों झगड़ते वादी-वादी। 

आओं विचारे मिलकर

उनकी धारा-धारा को

तब मिलकर बनाते "विचारधारा" को। 

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