"क्या मुझे कविता नहीं आती?"
मुझे कविता नहीं आती
मैं कवि नहीं हूँ।
फिर भी यह दिल की
धड़कन कुछ सुना जाती
रोज़ चलते रूक जाता हूँ।
सोचता क्या मुझे कविता नहीं आती?
कविता क्या है?
भावनाओं का संसार,
शब्दों का मेल - जोल,
रसो की प्रवाह,
क्या मुझे कविता नहीं आती?
जब मैं कल्पना रूपी सागर में
जाता हूँ, सोच में पड़ जाता हूँ,
क्या सच, क्या झुठ
इसी चक्कर में डूब
जाता हूँ खुब
खोजता हूँ मैं खुद को
मिलता कोई ओर है
रोकता हूँ खुद को
रुकता कोई ओर है।
क्या मुझे कविता नहीं आती है?
कुमार किंग (अनुपम)
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